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Answer From BalKand #4639

Created:10 Sep 20 02:34 AM   Updated:23 Jul 24 08:28 PM

Answer to your question is POSITIVE
Positive Resultप्रश्न उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा।

चौपाई : मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथराजू

राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई बालकाण्ड में संत-समाजरूपी तीर्थ के वर्णन में है।

अर्थ:-संतों का समाज आनंद और कल्याणमय है, जो जगत में चलता-फिरता तीर्थराज (प्रयाग) है। जहां (उस संत समाज रूपी प्रयागराज में) राम भक्ति रूपी गंगाजी की धारा है और ब्रह्मविचार का प्रचार सरस्वतीजी हैं॥




Positive ResultThe question is good. Work will be successful.

The Verse : Mud Mangalmay Sant Samaju. Jo Jag Jangam Tirathraju

The Place Of Occurence in Ramcharitmanas : This chaupai is in the description of the Saint-Samaropi Tirtha in Balkand.

Meaning: The society of saints is blissful and welfare, which is the Tirtharaj (Prayag) walking in the world. Where (in Prayagraj in the form of a saintly society) there is a stream of Gangaji in the form of Ram’s devotion, and Saraswatiji is the propagator of Brahma thought.