Answer to your question is POSITIVE
प्रश्न बहुत श्रेष्ठ है। कार्य सफल होगा।
चौपाई : गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥
राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई श्री हनुमान जी के लंका में प्रवेश करने के समय की है।
(जो प्रभु श्री राम को ह्रदय में धारण करते हैं) उसके लिए विष अमृत हो जाता है, शत्रु मित्रता करने लगते हैं, समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है।
The question is very good. Work will be successful.
The Verse : Garal Sudha Ripu Karahin Mitai. Gopad Sindhu Anel Sitalai
The Place Of Occurence in Ramcharitmanas : This chaupai is at the time of Sri Hanuman ji entering Lanka.
Meaning : (One who holds Lord Shri Ram in his heart) For him poison becomes nectar, enemies become friends, the ocean becomes equal to the hoof of a cow, the fire becomes cool.